सोशल डिस्टेंसिंग की लक्ष्मण रेखा को कभी भी लांघना नहीं है। सोशल डिस्टेंसिंग को किसी भी हालत में तोड़ना नहीं है। कोरोना की चेन तोड़ने का यही रामबाण इलाज है। इसलिए 5 अप्रैल को रात 9 बजे, कुछ पल अकेले बैठकर, माँ भारती का स्मरण कीजिए, 130 करोड़ देशवासियों के चहरो की कल्पना कीजिए, 130 करोड़ देशवासियों की इस सामूहिकता, इस महाशक्ति का ऐहसास करिए। ये हमें,संकट की इस घड़ी से लड़ने की ताकत देगा और जीतने का आत्मविश्वास भी। हमारे यहां कहा गया है-उत्साहो बलवान् आर्य, न अस्ति उत्साह परम् बलम्।। स उत्साहस्य लोकेषु, न किंचित् अपि दुर्लभम्॥
सोशल डिस्टेंसिंग की लक्ष्मण रेखा को कभी भी लांघना नहीं है। सोशल डिस्टेंसिंग को किसी भी हालत में तोड़ना नहीं है। कोरोना की चेन तोड़ने का यही रामबाण इलाज है। इसलिए 5 अप्रैल को रात 9 बजे, कुछ पल अकेले बैठकर, माँ भारती का स्मरण कीजिए, 130 करोड़ देशवासियों के चहरो की कल्पना कीजिए, 130 करोड़ देशवासियों की इस सामूहिकता, इस महाशक्ति का ऐहसास करिए। ये हमें,संकट की इस घड़ी से लड़ने की ताकत देगा और जीतने का आत्मविश्वास भी। हमारे यहां कहा गया है-उत्साहो बलवान् आर्य, न अस्ति उत्साह परम् बलम्।। स उत्साहस्य लोकेषु, न किंचित् अपि दुर्लभम्॥